याद राही मासूम रजा की ...!!!
हिंदी और उर्दू कवी , महाभरात के पटकथा और सवांद लेखक राही मासूम रज़ाजी का निधन 15 मार्च 1992 मे हुवा .इसी वजहसे उनकी याद आई . इनका जन्म १ सितंबर, १९२५- को गजीपुर जिले के गंगौली गांव मे हुवा . और १५ मार्च १९९२ को उनका देहांत हुवा . और प्रारंभिक शिक्षा-दीक्षा गंगा किनारे गाजीपुर शहर के एक मुहल्ले में हुई थी. बचपन में पैर में पोलियो हो जाने के कारण उनकी पढ़ाई कुछ सालों के लिए छूट गयी, लेकिन इंटरमीडियट करने के बाद वह अलीगढ़ आ गये और यहीं से एम. ए . करने के बाद उर्दू में `तिलिस्म-ए-होशरुबा' पर पीएच.डी. की . पीएच.डी. करने के बाद राही अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय, अलीगढ़ के उर्दू विभाग में प्राध्यापक हो गये और अलीगढ़ के ही एक मुहल्ले बदरबाग में रहने लगे. अलीगढ़ में रहते हुए ही राही ने अपने भीतर साम्यवादी दृष्टिकोण का विकास कर लिया था और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के वे सदस्य भी हो गए थे . अपने व्यक्तित्व के इस निर्माण-काल में वे बड़े ही उत्साह से साम्यवादी सिद्धान्तों के द्वारा समाज के पिछड़ेपन को दूर करना चाहते थे और इसके लिए वे सक्रिय प्रयत्न भी करते रहे थे.
राही मासूम रज़ा १९६८ से रबम्बई में रहने लगे थे . वे अपनी साहित्यिक गतिविधियों के साथ-साथ फिल्मों के लिए भी लिखते थे जो उनकी जीविका का प्रश्न बन गया था . राही स्पष्टतावादी व्यक्ति थे और अपने धर्मनिरपेक्ष राष्ट्रीय दृष्टिकोण के कारण अत्यन्त लोकप्रिय हो गए थे . यहीं रहते हुए राही ने आधा गांव, दिल एक सादा कागज, ओस की बूंद, हिम्मत जौनपुरी उपन्यास और १९६५ के भारत-पाक युद्ध में शहीद हुए वीर अब्दुल हमीद की जीवनी " छोटे आदमी की बड़ी कहानी " लिखी . उनकी ये सभी कृतियाँ हिंदी में थीं . इससे पहले वह उर्दू में एक महाकाव्य १८५७ जो बाद में हिन्दी में क्रांति कथा नाम से प्रकाशित हुआ तथा छोटी-बड़ी उर्दू नज़्में व गजलें लिखे चुके थे . आधा गाँव, नीम का पेड़, कटरा बी आर्ज़ू, टोपी शुक्ला, ओस की बूंद और सीन ७५ उनके प्रसिद्ध उपन्यास हैं . हिन्दी पॉप गायिका पार्वती खान का विवाह इनके पुत्र नदीम खान, हिन्दी फिल्म निर्देशक एवं सिनेमैटोग्राफर से हुआ था . इस वजह से उनकी फॅमिली बहोत चर्चे मे आई थी . वे फिल्म जगात मे संवाद , गीत और पटकथा लेखक के रूप मे जाने जाते थे . ऊनको 1979 मे " मै तुलसी तेरे आंगन की " इस फिल्म के लिए फिल्म फेअर ऑवर्ड सर्वश्रेष्ठ सवांद लेखन पुरस्कार के लिए दिया गया था .
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